बजट में किए गए उपायों से शहरी खपत बढ़ने की उम्मीद में भारतीय कंपनी जगत के ज्यादातर मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) की क्षमता विस्तार पर निवेश बढ़ाने की योजना है। बजट के बाद बिज़नेस स्टैंडर्ड ने सीईओ की रायशुमारी की, जिसमें यह बात सामने आई।
91.67 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि बजट में व्यक्तिगत आयकर में रियायत से खपत को बढ़ावा मिलेगा। नरम मांग उद्योग जगत के प्रमुखों की चिंता का प्रमुख कारण बना हुआ था। इसके अलावा 75 फीसदी सीईओ का मानना है कि बजट के उपायों से कारोबारी धारणा और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा, जिससे निवेश में तेजी आएगी। एक बड़ी कंपनी के सीईओ ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘सार्वजनिक पूंजीगत व्यय निजी पूंजीगत खर्च से ज्यादा रहा है। बजट में सरकार ने पूंजीगत व्यय में ज्यादा इजाफा नहीं किया है जबकि विकास को गति देने के लिए हम इस मद में ज्यादा आवंटन की उम्मीद कर रहे थे।’
सरकार ने करदाताओं को व्यापक राहत देने के लिए बदलाव किए हैं और 12 लाख रुपये तक सालाना आय को कर मुक्त कर दिया है। कर स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इससे लोगों के हाथा में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे आएंगे जिससे छोटी कारों, दोपहियों और किफायती मकानों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।